राग द्वेष वहां हिंसा
तेरापंथ भवन में आचार्य ने कहा कि हिंसा का मार्ग अधोगति की ओर ले जाता है। रागद्वेष जहां है,वहां हिंसा का आधार बनता है। अहिंसा का मार्ग हमें उर्द्धगति की ओर ले जाता है। सभी के प्रति संयम बरतें। जैन धर्म के तीर्थकरों व आचार्यो ने आमजन को अहिंसा का उपदेश दिया।सुक्ष्म से सुुक्ष्म जीव हिंसा न हो ऎसी जिंदगी जीएं। आदमी ज्ञान प्राप्त कर ज्ञानी बनता है।ज्ञान का सार यह हो कि वह कभी हिंसा नहीं करें।दुनिया में हिंसा व अहिंसा जीवित है। इंसान इंसानियत के साथ धर्ममय जीवन जीएं।
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