बालोतरा. १३ मई २०१२.
पूज्य आचार्य महाश्रमण जी के पावन सानिध्य में तेयुप बालोतरा द्वारा
आयोजित युवा दंपत्ति कार्यशाला में कुल ३७० दम्पत्तियो ने सहभागिता दर्ज कराई.
मुख्य प्रशिक्षक के रूप में मुंबई से समागत श्री चिमनभाई सिंघवी ने
दाम्पत्य जीवन को सफल एवं सुखमय बनाने के सूत्र उपस्थित दम्पत्तियो को
बताये.
इस अवसर पर पूज्य आचार्य श्री महाश्रमण जी ने फरमाया
कि - दाम्पत्य जीवन की सफलता के लिए परिवार में शांति का होना जरूरी है
एवं इसके लिए शांति के लिए आग्रह हीन चिंतन, सहिष्णुता एवं सहनशीलता को
विकसित करना चाहिए. हर व्यक्ति की रूचि एवं क्षमताए भिन्न होती है, इसलिए
दूसरों की रूचि एवं क्षमताओं का सम्मान करना चाहिए. तभी दाम्पत्य जीवन सफल
बनता है एवं ईंट-गारे के मकान को घर कहलाने की अर्हता प्राप्त होती है.
इस अवसर पर मुनि श्री दिनेशकुमारजी, मुनि श्री कुमारश्रमणजी ने भी खुशहाल
पारिवारिक जीवन के सूत्रों के बारे में बाताया. तेयुप
इचलकरंजी के उपाध्यक्ष संजय मेहता ने भी अपने विचार रखे. इससे पूर्व तेयुप
बालोतरा द्वारा मंगलाचरण, तेयुप् अध्यक्ष ललित जीरावला द्वारा स्वागत भाषण
हुआ. सञ्चालन बालोतरा तेयुप के सचिव निलेश सालेचा ने किया.