इचलकरंजी. २५.०८.१३.
अभातेयुप द्वारा निर्देशित "बारह व्रत कार्यशाला" का आयोजन समणी निर्देशिका मंजुप्रज्ञाजी आदि समणी ४ के सान्निध्य में तेयुप इचलकरंजी द्वारा किया गया. विजय गीत एवं श्रावक निष्ठां पत्र के वाचन के साथ कार्यशाला का शुभारम्भ किया गया. कार्यशाला में संभागियो को बारह व्रत का प्रशिक्षण देने वाली वीडियो का मंचन किया गया. संभागियो को बारह व्रत अपनाने हेतु प्रेरित करते हुए समणी मंजुप्रज्ञाजी ने फरमाया कि - "श्रावक के लिए बारह व्रतो की साधना महत्वपूर्ण है. भगवान् महावीर ने आगार एवं अणगार धर्मो की व्याख्या की. गृहस्थ आगार धर्म का पालन करते हुए अणुव्रत साधना करे तो आध्यात्मिक प्रगति कर सकता है."
कार्यशाला में अभातेयुप के राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य श्री मनोज संकलेचा, क्षेत्रीय प्रभारी श्री दिनेश छाजेड़ विशेष रूप से उपस्थित थे. अध्यक्ष श्री पंकज जोगड़ ने स्वागत भाषण किया. मंत्री विकास सुराना ने कार्यक्रम का संयोजन किया.
अभातेयुप द्वारा निर्देशित "बारह व्रत कार्यशाला" का आयोजन समणी निर्देशिका मंजुप्रज्ञाजी आदि समणी ४ के सान्निध्य में तेयुप इचलकरंजी द्वारा किया गया. विजय गीत एवं श्रावक निष्ठां पत्र के वाचन के साथ कार्यशाला का शुभारम्भ किया गया. कार्यशाला में संभागियो को बारह व्रत का प्रशिक्षण देने वाली वीडियो का मंचन किया गया. संभागियो को बारह व्रत अपनाने हेतु प्रेरित करते हुए समणी मंजुप्रज्ञाजी ने फरमाया कि - "श्रावक के लिए बारह व्रतो की साधना महत्वपूर्ण है. भगवान् महावीर ने आगार एवं अणगार धर्मो की व्याख्या की. गृहस्थ आगार धर्म का पालन करते हुए अणुव्रत साधना करे तो आध्यात्मिक प्रगति कर सकता है."
कार्यशाला में अभातेयुप के राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य श्री मनोज संकलेचा, क्षेत्रीय प्रभारी श्री दिनेश छाजेड़ विशेष रूप से उपस्थित थे. अध्यक्ष श्री पंकज जोगड़ ने स्वागत भाषण किया. मंत्री विकास सुराना ने कार्यक्रम का संयोजन किया.
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