तेरापंथ युवक परिषद् इचलकरंजी द्वारा दिनांक 2 अगस्त २०१५ को स्थानीय तेरापंथ भवन में साध्वीश्री मधुस्मिताजी आदि ठाणा 7 के सान्निध्य में समण संस्कृति संकाय, जैन विश्व भारती लाडनूं द्वारा निर्देशित 'जैन विद्या दिवस' का आयोजन किया गया.
जैन विद्या दिवस के सन्दर्भ में जैन विद्या की व्याख्या करते हुए साध्वीश्रीजी ने बताया कि- जिससे तत्वों को जाना जाता है, चित्त का निरोध होता है और आत्मा विशुद्ध बनती है, वह जैन विद्या है. जैन विद्या का आचरण करने वाला वीतरागता के पथ पर गति करता है. उन्होंने जैन विद्या परीक्षा एवं जैन विद्या कार्यशाला में अधिकाधिक संख्या में संभागिता करने हेतु समग्र परिषद् को प्रेरित किया.
इस अवसर पर जैन विद्या परीक्षा २०१४ एवं जैन विद्या कार्यशाला परिक्षा २०१४ उतीर्ण करनेवाले कुल 52 संभागियों को प्रमाणपत्र एवं पुरस्कार वितरित किए गए. विशेष उल्लेखनीय जैन विद्या भाग 3 में अखिल भारतीय स्तर पर वरीयता प्राप्त करने वाले श्री धर्मेन्द्र कांकरिया एवं जैन विद्या कार्यशाला 2014 में अखिल भारतीय स्तर पर आठवाँ स्थान प्राप्त करनेवाली भारतीदेवी संकलेचा का तेयुप द्वारा विशेष सम्मान किया गया ।
इससे पूर्व कार्यक्रम का शुभारंभ ज्ञानशाला के ज्ञानार्थियों द्वारा गीत के संगान के साथ हुआ. तेयुप द्वारा विजय गीत संगान एवं तेयुप के पूर्व अध्यक्ष अशोक संकलेचा द्वारा श्रावक निष्ठा पत्र का वाचन किया गया. सभा अध्यक्ष श्री जेसराज छाजेड, तेयुप अध्यक्ष संजय वैदमेहता आदि ने जैन विद्या के महत्व पर प्रकाश डाला एवं सभी से जैन विद्या की परीक्षाओं में सहभागिता हेतु आग्रह किया. जैन विद्या परीक्षा केंद्र व्यवस्थापक सिद्दार्थ चौपडा ने केंद्र की गतिविधियों के बारे में जानकारी दी. जैन विद्या विज्ञ एवं तेमम इचल. की मंत्री सौ. जयश्री जोगड ने जैन विद्या परीक्षाओं के इतिहास एवं समण संस्कृति संकाय के बारे में जानकारी प्रस्तुत की. आभार ज्ञापन तेयुप कोषाध्यक्ष दिलीप मेहता ने किया. कार्यक्रम का कुशल संचालन तेयुप मंत्री विकास सुराणा ने किया.
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