इचलकरंजी, 03 मार्च. आज स्थानीय तेरापंथ भवन में श्रावकों के आग्रह पर
शासनश्री साध्वीश्री विद्यावतीजी 'द्वितीय' द्वारा बनाई गयी हस्तनिर्मित
कलाकृतियों की प्रदर्शनी रखी गयी. इस हस्तकला प्रदर्शनी में अत्यंत ही
सूक्ष्म लिखाई, चित्रकारी, अनोखे हेन्ड आर्ट आदि प्रदर्शित किए गए. छोटे
से कागज़ के टुकड़े पर ॐ के आकार में दशवैकालिक सूत्र के १०१ श्लोक के ३२६०
अक्षरों की सुघड़ सुन्दर लिखावट, पीपल के जालीदार पत्तो पर धार्मिक कथाओं
आदि की सुन्दर चित्रकारी, चन्दन काष्ठ में उकेरी हुई कलाकृतियाँ,
केवल कागज एवं रंगों का प्रयोग कर बनाए गए मोतीनुमा हार, मालाएँ, नाना
प्रकार की मन को मोह लेने वाली कलाकृतियों को देखने वाले मंत्रमुग्ध हो कर
निहारते रहे.
साध्वीश्रीजी ने कलाकृतियों के बारे में जानकारी देते हुए फरमाया कि- हम
सौभाग्यशाली है कि जिनशासन एवं तेरापंथ धर्मसंघ मिला जहा व्यक्ति को हर
क्षेत्र में विकास करने का अवसर मिलता है. तेरापंथ धर्म संघ में कला का
बहुत विकास हुआ । साधु-साध्वी हर काम ऐसे कलात्मक तरीके से करने का प्रयास
करते है, इससे एकाग्रता की साधना सहज रूप से हो जाती है।
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