भास्कर न्यूज. बालोतरा
धर्मशीला व तपस्विनी अणचीदेवी चौपड़ा ने 18 दिवसीय तिविहार संथारे के साथ मरण को प्राप्त किया। अणची देवी का संथारा ग्रहण करने के 18 दिन बाद शनिवार को निधन हो गया, वे ९० वर्ष की थी। शनिवार दोपहर 1 बजे अणची देवी के निवास से महाप्रयाण यात्रा निकाली गई। वैकुंठी यात्रा शहर के प्रमुख मार्गों से होते हुए मुक्तिधाम पहुंची। यात्रा में नगरपालिका अध्यक्ष महेश बी चौहान, ओसवाल समाज अध्यक्ष शांतिलाल डागा, नवकार समिति संयोजक मदन चौपड़ा, तेरापंथ सभा अध्यक्ष मांगीलाल सालेचा, मंत्री गौतम वेदमूथा, अध्यक्ष दिलीप मेहता, अणुव्रत समिति अध्यक्ष ओम बांठिया, सचिव जवेरीलाल सालेचा, मांगीलाल भंसाली, लघु उद्योग मंडल रूपचंद सालेचा, सिवांची मालाणी तेरापंथ सभा मंत्री गौतम श्रीश्रीमाल, पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष पारसमल भंडारी, प्रभा सिंघवी, धनराज मेहता, दलीचंद ढेलडिय़ा, चंपालाल बालड़, अमृत सिंघवी सहित कई गणमान्य नागरिकों व श्रद्धालु महिलाओं ने भाग लिया। अणची देवी की पार्थिव देह को उनके पुत्र पारसमल, जवेरीलाल, दिनेश कुमार, सुभाषचंद चौपड़ा सहित पौत्र एवं उनके परिवारजनों ने मुखाग्रि दी। इस अवसर पर मुनि मदन कुमार ने कहा कि आज का मानव भौतिकवाद की चकाचौंध में इतना फंस गया है कि उसे अपने स्वार्थ के सिवाय कुछ नहीं दिखता है। वह दिन-रात सुख सुविधाएं जुटाने के प्रयास करता रहता है चाहे उसमें किसी का अहित ही क्यों न हो। लेकिन कोई पुण्यात्मा होती है जो अपने जीवन में त्याग व तपस्या के द्वारा आत्म लक्ष्य प्राप्त करती है। संथारे के दौरान उन्हें मुनि मदन कुमार, मुनि कोमल कुमार व मुनि शांतिप्रिय का पूरा सहयोग मिला। मुनियों द्वारा अणची देवी का मनोबल बढ़ाकर संथारे के उनके इरादों को मजबूत बनाया। मुनियों के साथ तेरापंथ सभा, तेरापंथ युवक परिषद, तेरापंथ महिला मंडल आदि ने भी पूरा सहयोग दिया। रविवार को प्रात: ९.३० बजे शनिदेव मंदिर के पास पारसमल गोगड़ के मकान में मुनि मदन कुमार के सानिध्य में श्रद्धांजलि सभा रखी गई
धर्मशीला व तपस्विनी अणचीदेवी चौपड़ा ने 18 दिवसीय तिविहार संथारे के साथ मरण को प्राप्त किया। अणची देवी का संथारा ग्रहण करने के 18 दिन बाद शनिवार को निधन हो गया, वे ९० वर्ष की थी। शनिवार दोपहर 1 बजे अणची देवी के निवास से महाप्रयाण यात्रा निकाली गई। वैकुंठी यात्रा शहर के प्रमुख मार्गों से होते हुए मुक्तिधाम पहुंची। यात्रा में नगरपालिका अध्यक्ष महेश बी चौहान, ओसवाल समाज अध्यक्ष शांतिलाल डागा, नवकार समिति संयोजक मदन चौपड़ा, तेरापंथ सभा अध्यक्ष मांगीलाल सालेचा, मंत्री गौतम वेदमूथा, अध्यक्ष दिलीप मेहता, अणुव्रत समिति अध्यक्ष ओम बांठिया, सचिव जवेरीलाल सालेचा, मांगीलाल भंसाली, लघु उद्योग मंडल रूपचंद सालेचा, सिवांची मालाणी तेरापंथ सभा मंत्री गौतम श्रीश्रीमाल, पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष पारसमल भंडारी, प्रभा सिंघवी, धनराज मेहता, दलीचंद ढेलडिय़ा, चंपालाल बालड़, अमृत सिंघवी सहित कई गणमान्य नागरिकों व श्रद्धालु महिलाओं ने भाग लिया। अणची देवी की पार्थिव देह को उनके पुत्र पारसमल, जवेरीलाल, दिनेश कुमार, सुभाषचंद चौपड़ा सहित पौत्र एवं उनके परिवारजनों ने मुखाग्रि दी। इस अवसर पर मुनि मदन कुमार ने कहा कि आज का मानव भौतिकवाद की चकाचौंध में इतना फंस गया है कि उसे अपने स्वार्थ के सिवाय कुछ नहीं दिखता है। वह दिन-रात सुख सुविधाएं जुटाने के प्रयास करता रहता है चाहे उसमें किसी का अहित ही क्यों न हो। लेकिन कोई पुण्यात्मा होती है जो अपने जीवन में त्याग व तपस्या के द्वारा आत्म लक्ष्य प्राप्त करती है। संथारे के दौरान उन्हें मुनि मदन कुमार, मुनि कोमल कुमार व मुनि शांतिप्रिय का पूरा सहयोग मिला। मुनियों द्वारा अणची देवी का मनोबल बढ़ाकर संथारे के उनके इरादों को मजबूत बनाया। मुनियों के साथ तेरापंथ सभा, तेरापंथ युवक परिषद, तेरापंथ महिला मंडल आदि ने भी पूरा सहयोग दिया। रविवार को प्रात: ९.३० बजे शनिदेव मंदिर के पास पारसमल गोगड़ के मकान में मुनि मदन कुमार के सानिध्य में श्रद्धांजलि सभा रखी गई
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