इचलकरंजी.
समणी जिनप्रज्ञाजी एवं समणी सम्यक्त्वप्रज्ञाजी के पावन सानिध्य में तेयुप इचलकरंजी द्वारा "श्रावक बारह व्रत कार्यशाला" का आयोजन किया गया. विजय गीत द्वारा मंगलाचरण एवं श्रावक निष्ठा पत्र वाचन के साथ कार्यशाला का शुभारम्भ किया गया. समणी जिनप्रज्ञाजी ने बारह व्रतों के बारे में जानकारी दी एवं व्रतों के महत्व एवं आवश्यकता बतायी. संभागियो को बारह व्रत की पुस्तक वितरीत की गयी एवं बारह व्रत धारण करने वाले श्रावक श्राविकाओ के जीवन परिचय फॉर्म भरवाए गए.

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