इचलकरंजी. 25 अक्टूबर. परमपूज्य आचार्यश्री महाश्रमणजी की विदुषी सुशिष्या साध्वीश्री मधुस्मिताजी आदि ठाणा 7 के पावन सान्निध्य में एवं अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद् के तत्वावधान में तेयुप इचलकरंजी द्वारा “सीमान्त महाराष्ट्र-कर्नाटक स्तरीय व्यक्तित्व कार्यशाला : निर्माण सर्वांगीण व्यक्तित्व का” आयोजन किया गया. इचलकरंजी, पिंपरी चिंचवड़, सोलापुर, कोप्पल, पनवेल, गोरेगांव आदि क्षेत्रों की परिषदों के सदस्यों सहित कुल २५० संभागियों ने इस कार्यशाला में सहभागिता की.
द्वितीय प्रशिक्षण सत्र : मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित कोर्पोरेट ट्रेनर श्री पिंटूकुमार जैन ने ‘पॉवर ऑफ़ माइंड” विषय पर संभागियों को प्रभावक प्रशिक्षण देते हुए बताया कि- व्यक्ति का निर्माण हो चुका है लेकिन हमें व्यक्तित्व का निर्माण करना है. हमारा व्यवहार हमारे दृष्टिकोण यानी कि ATTITUDE पर टिका है. हम हमारी आदतों को हमारा रवैया न बनने दे. उन्होंने व्यक्तित्व निर्माण के बाधक तत्वों को 4 अक्षरों G- गुस्सा, A- अहंकार, D- द्वेष एवं D –डर के रूप में बताया. इन बाधक तत्वों के निर्मूलन के लिए उन्होंने 8 सूत्र बताए- जल्दी उठना, शुद्ध खाना, स्वच्छता, अभिभावकों का सम्मान, नवकार मन्त्र, सामयिक, बुजुर्गों का सम्मान एवं सहिष्णुता और धैर्य.
साध्वी श्री सहजयशाजी ने व्यक्तित्व निर्माण में व्यक्तियों के बीच परस्पर सामंजस्य के महत्त्व को बताते हुए सामंजस्य की अनुप्रेक्षा का 20 मिनिट तक प्रयोग करवाया.
विशेष अतिरिक्त प्रशिक्षण सत्र के रूप में “वसीयत : क्यों जरुरी ?” विषय पर अभातेयुप अध्यक्ष श्री बी.सी. भलावत ने वसीयत से जुडी अत्यंत ही उपयोगी जानकारी प्रस्तुत की. तेयुप इचलकरंजी द्वारा मुख्य वक्ता श्री पिंटूकुमार जैन का प्रतीक चिह्न भेंट कर अभिनन्दन किया गया. कार्यशाला में सहभागिता प्रदान करनेवाली परिषदों का साहित्य भेंट कर अभिनन्दन किया गया. केन्द्रीय परिषद् द्वारा कार्यशाला आयोजन हेतु तेयुप इचलकरंजी शाखा परिषद् का प्रतीक चिह्न भेंट कर सम्मान किया गया. केन्द्रीय परिषद् की ओर से केन्द्रीय संयोजक श्री दिनेश छाजेड एवं स्थानीय परिषद् की ओर से तेयुप इचलकरंजी के सहमंत्री श्री प्रवीण कांकरिया ने आभार ज्ञापन किया. कार्यक्रम का कुशल संचालन तेयुप इचलकरंजी के मंत्री श्री विकास सुराणा एवं कार्यशाला के स्थानीय संयोजक मुकेश भंसाली ने संयुक्त रूप से किया. कार्यक्रम को सफल बनाने में तेयुप के सभी सदस्यों ने श्रम नियोजित किया एवं स्थानीय सभा, महिला मंडल, किशोर मंडल एवं कन्या मंडल का विशेष सहयोग मिला.
प्रथम उद्घाटन एवं प्रशिक्षण सत्र: साध्वीश्री मधुस्मिताजी द्वारा नमस्कार महामंत्रोच्चरण के साथ कार्यशाला का शुभारम्भ हुआ. तेयुप इचलकरंजी द्वारा विजय गीत संगान किया गया. कार्यशाला की अध्यक्षता कर रहे अभातेयुप अध्यक्ष श्री बी.सी. भलावत ने कार्यशाला के उद्घाटन की विधिवत् घोषणा की एवं श्रावक निष्ठा पत्र का वाचन करवाया. केन्द्रीय संयोजक श्री दिनेश छाजेड ने अतिथि परिचय प्रस्तुत किया. तेयुप इचलकरंजी अध्यक्ष श्री संजय वैदमेहता एवं तेरापंथ सभा इचलकरंजी के अध्यक्ष श्री जेसराज छाजेड ने स्वागत वक्तव्य प्रस्तुत किया. तेयुप इचलकरंजी द्वारा स्वागत गीतिका एवं कार्यशाला के थीम सोंग “बढ़ो साथियों सही दिशा में ..” का संगान किया गया. अभातेयुप महामंत्री श्री विमल कटारिया ने अभातेयुप की गतिविधियों के बारे में जानकारी प्रदान करते हुए सभी युवकों से संगठन के कार्यों में जुड़ने हेतु आह्वान किया. जैन तेरापंथ न्यूज़ संपादक श्री महावीर सेमलानी ने भी अपने भावों की प्रस्तुति एवं JTN द्वारा संचार माध्यमों से संघीय गतिविधियों के प्रचार-प्रसार की जानकारी दी. कार्यशाला के मुख्य वक्ता श्री पिंटूकुमार जैन ने मुख्य प्रशिक्षण के बारे में भूमिका प्रस्तुत करते हुए कहा- व्यक्तित्व केवल बाह्य वेश से नहीं अपितु आंतरिक गुणों से बनता है.
साध्वीश्री मधुस्मिताजी ने उपस्थित संभागियों को “सर्वांगीण व्यक्तित्व निर्माण” विषय पर पावन उद्बोधन फरमाते हुए कहा कि- व्यक्तित्व निर्माण हेतु तीन बाते आवश्यक है- संकल्प शक्ति, समय प्रबंधन एवं सकारात्मक चिंतन. जिस व्यक्ति के पास संकल्प का बल हो, जो समय के मूल्य को जानता है और सकारात्मक चिंतन के साथ आगे बढ़ता है, वह जीवन में सफलता के शिखरों का आरोहण करता है. उन्होंने प्रेक्षाध्यान के माध्यम से प्राणधारा को विशुद्ध कर कैसे संकल्प बल को मजबूत किया जा सकता है इस बारे में भी बताया. इससे पूर्व साध्वीश्री स्वस्थप्रभाजी ने व्यक्तित्व विकास विषय पर प्राक वक्तव्य के माध्यम से संभागियों को उद्बोधन प्रदान किया.
अभातेयुप अध्यक्ष श्री बी.सी. भलावत ने अध्यक्षीय वक्तव्य प्रस्तुत करते हुए सर्वप्रथम परमपूज्य गुरुदेव आचार्य श्री महाश्रमणजी के प्रति कृतज्ञता के भाव प्रस्तुत किए. उन्होंने अभातेयुप द्वारा सेवा, संस्कार और संगठन के क्षेत्र में सत्र 2015-17 हेतु बनाई गयी 21 सूत्रीय कार्ययोजना के बारे में बताया. जिसमे परिषद् से जुड़े 40 हजार युवाओं का डाटा बैंक तैयार करने, देश भर में 100 आचार्य तुलसी डायग्नोस्टिक सेंटर्स खोलने, युवाओं को उच्च शिक्षा प्राप्त करने में सुविधा की दृष्टि से देश के बड़े शहरों में हॉस्टल निर्माण, नशामुक्ति हेतु विशेष कार्यक्रम, युवाओं एवं किशोरों में संस्कार व आध्यात्मिक विकास हेतु कार्य आदि विशेष उल्लेखनीय है. श्री भलावत ने कहा कि- केवल अर्जन करना, संसाधन जुटाना ही जीवन का लक्ष्य न हो. सम्पूर्ण व्यक्तित्व निर्माण हेतु जरुरी है कि हम धर्म, अध्यात्म एवं समाजसेवा के लिए भी समय नियोजित करे. उन्होंने इचलकरंजी में साध्वीश्री की प्रेरणा से हो रही आध्यात्मिक गतिविधियों एवं तेयुप इचलकरंजी द्वारा किए जा रहे संगठन के कार्यों की भी सराहना की.
द्वितीय प्रशिक्षण सत्र : मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित कोर्पोरेट ट्रेनर श्री पिंटूकुमार जैन ने ‘पॉवर ऑफ़ माइंड” विषय पर संभागियों को प्रभावक प्रशिक्षण देते हुए बताया कि- व्यक्ति का निर्माण हो चुका है लेकिन हमें व्यक्तित्व का निर्माण करना है. हमारा व्यवहार हमारे दृष्टिकोण यानी कि ATTITUDE पर टिका है. हम हमारी आदतों को हमारा रवैया न बनने दे. उन्होंने व्यक्तित्व निर्माण के बाधक तत्वों को 4 अक्षरों G- गुस्सा, A- अहंकार, D- द्वेष एवं D –डर के रूप में बताया. इन बाधक तत्वों के निर्मूलन के लिए उन्होंने 8 सूत्र बताए- जल्दी उठना, शुद्ध खाना, स्वच्छता, अभिभावकों का सम्मान, नवकार मन्त्र, सामयिक, बुजुर्गों का सम्मान एवं सहिष्णुता और धैर्य.
साध्वी श्री सहजयशाजी ने व्यक्तित्व निर्माण में व्यक्तियों के बीच परस्पर सामंजस्य के महत्त्व को बताते हुए सामंजस्य की अनुप्रेक्षा का 20 मिनिट तक प्रयोग करवाया.
विशेष अतिरिक्त प्रशिक्षण सत्र के रूप में “वसीयत : क्यों जरुरी ?” विषय पर अभातेयुप अध्यक्ष श्री बी.सी. भलावत ने वसीयत से जुडी अत्यंत ही उपयोगी जानकारी प्रस्तुत की. तेयुप इचलकरंजी द्वारा मुख्य वक्ता श्री पिंटूकुमार जैन का प्रतीक चिह्न भेंट कर अभिनन्दन किया गया. कार्यशाला में सहभागिता प्रदान करनेवाली परिषदों का साहित्य भेंट कर अभिनन्दन किया गया. केन्द्रीय परिषद् द्वारा कार्यशाला आयोजन हेतु तेयुप इचलकरंजी शाखा परिषद् का प्रतीक चिह्न भेंट कर सम्मान किया गया. केन्द्रीय परिषद् की ओर से केन्द्रीय संयोजक श्री दिनेश छाजेड एवं स्थानीय परिषद् की ओर से तेयुप इचलकरंजी के सहमंत्री श्री प्रवीण कांकरिया ने आभार ज्ञापन किया. कार्यक्रम का कुशल संचालन तेयुप इचलकरंजी के मंत्री श्री विकास सुराणा एवं कार्यशाला के स्थानीय संयोजक मुकेश भंसाली ने संयुक्त रूप से किया. कार्यक्रम को सफल बनाने में तेयुप के सभी सदस्यों ने श्रम नियोजित किया एवं स्थानीय सभा, महिला मंडल, किशोर मंडल एवं कन्या मंडल का विशेष सहयोग मिला.
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