अभातेयुप के तत्वावधान में तेयुप इचलकरंजी द्वारा स्थानीय तेरापंथ भवन में आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री लावण्यश्री जी ठाणा 3 के सान्निध्य में पश्चिम महाराष्ट्र उत्तर कर्णाटक स्तरीय व्यक्तित्व कार्यशाला "लक्ष्य...हो ऊंचा हमारा" का आयोजन किया गया । इस कार्यक्रम में पश्चिम महाराष्ट्र एवं उत्तर कर्णाटक की 9 परिषदों एवं कुल 270 संभागियों ने सहभागिता दर्ज की ।
साध्वीश्री लावण्यश्रीजी ने उपस्थित संभागियों को प्रेरणा पाथेय प्रदान करते हुए फरमाया कि हम जैसे जैसे आगे बढ़ते है, वैसे वैसे लक्ष्य निर्धारण करने की क्षमता बढ़ती है । जब लक्ष्य हांसिल कर लेते है प्रसन्नता मिलती है । अभातेयुप सेवा-संस्कार एवं संगठन के त्रिआयामी उद्देश्यों का अभियान अनुकरणीय है । साध्वीश्रीजी ने उपस्थित श्रावक समाज को लक्ष्य निर्धारण के साथ सफलता के सूत्र बताते हुए फरमाया कि● अपने आप में खुश रहें।
● अपना रिमोट अपने हाथ में रखें । कंट्रोल पावर (नियंत्रण शक्ति) मजबूत होना चाहिए। ● अपनी खूबियों को देखें । ● काम को भार नहीं उपहार मानें । ● सकारात्मक नजरिया रखें ।● खुशियां बांटो । ● मुस्कुराते रहो ।
साध्वी श्री सिद्धांतश्रीजी ने अपने मंगल उद्बोधन में फरमाया कि साधारण व्यक्तित्वों की असाधारण सफलता को देखकर लगता है कि उनका समर्पण, पुरुषार्थ एवं पराक्रम बेजोड़ था । आपने दृष्टांत के माध्यम से बताया कि व्यक्ति अपने जीवन में लगन, मेहनत एवं लक्ष्य के साथ आगे बढ़े तो निश्चित ही सफलता के शिखर छू सकता है, प्रगति के पायदान चढ़ सकता है । कार्यक्रम में उपस्थित युवा शक्ति को प्रेरणा देते हुए कहा कि सिर्फ अध्यक्ष और मंत्री ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण युवाशक्ति को मिलकर गुरुदेव के सपनों को साकार करना है ।
साध्वी श्री सिद्धियशाजी जी ने अपने मंगल उद्बोधन में युवाशक्ति को अपने लक्ष्य पर अडिग रहकर आगे बढ़ने की प्रेरणा दी । आपने उदाहरण देते हुए फरमाया कि- विश्व की अनेक विभूतियों ने साधारण माहौल से उभर कर अपने पुरुषार्थ एवं सटीक लक्ष्य के कारण अपना नाम विश्वपटल पर अंकित किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे अभातेयुप के महामंत्री श्री संदीप कोठारी ने अपने वक्तव्य में कहा- व्यक्तिगत जीवन में लक्ष्य निर्धारण आवश्यक है, हमें कहाँ पहुचना है ये तय करना है। युवाओं को कठिनाइयों से घबराना नहीं, उसे चीर कर आगे बढ़ना है। कठिनाई - संघर्ष सफलता का सूचक है। जीवन में अनेक पड़ाव आते है, अपने रुचि के अनुसार लक्ष्य निर्धारण कर आगे बढ़े तो वह सफलता के नएं आयाम छू सकते है । अभातेयुप में सामाजिक, पारिवारिक और आध्यात्मिक जीवन में छोटे छोटे लक्ष्य निर्धारण कर आगे बढ़ने की प्रेरणा दी जाती है। उन्होंने आगे कहा कि - आगामी वर्ष में परमपूज्य आचार्य श्री महाश्रमणजी का पदार्पण पश्चिम महाराष्ट्र - उत्तर कर्णाटक क्षेत्र में होगा, हम सब मिलकर गुरुसेवा का लक्ष्य बनाएं। साध्वी श्री का चातुर्मास पूज्य प्रवर के पदार्पण की पूर्व भूमिका के रूप में है, जब पूज्यप्रवर पधारे तब ऐसे कार्यक्रम संपादित किए जाए जो कि आगामी वर्षों सम्पूर्ण भावी पीढ़ी याद रखें।
मुख्यवक्ता श्री शेखर जैन ने अपने वक्तव्य में शानदार अभिव्यक्ति प्रेषित करते हुए लक्ष्य के चार प्रकार बताएं - Self Goals, Family Goals, Professionals Goals, Social Goals । आपने विभिन्न केस स्टडीज के माध्यम से अपने लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु प्रेरित किया। आपने कहा कि जीवन में जगमगाना चाहते हो तो लक्ष्य सफलता के 4 सूत्र STAR अपने जीवन में अपनाएं - ● Specific - निश्चित, ● Time Bound - समय प्रबंधन, ● Attainable - प्राप्ति योग्य, ● Review - समीक्षा. आपके शानदार वक्तव्य ने श्रोताओं का दिल जीत लिया।
प्रसिद्ध उद्योगपति, युवागौरव श्री संजय घोड़ावत ने संभागियों के साथ लक्ष्य निर्धारण हेतु अपने अनुभवों सांझा किया ।
इससे पूर्व साध्वी श्री लावण्यश्रीजी द्वारा नमस्कार महामंत्रोच्चार द्वारा कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया । तेयुप इचलकरंजी के साथियों द्वारा विजय गीत का संगान किया गया । कार्यक्रम के विधिवत उद्धाटन की घोषणा एवं श्रावक निष्ठापत्र का वाचन अभातेयुप महामंत्री श्री संदीप कोठारी द्वारा किया गया । तेयुप अध्यक्ष श्री सुरेंद्र छाजेड़ ने स्वागत अभिव्यक्ति प्रेषित की। तेरापंथ सभा अध्यक्ष श्री दीपचंद तलेसरा, अभातेममं राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य सौ. जयश्री जोगड़, अभातेयुप JTN के सह-संपादक श्री समकित परीख ने अपनी अभिव्यक्ति प्रेषित की ।
कार्यक्रम के द्वितीय सत्र में अभातेयुप प्रकाशन प्रभारी श्री मनोज संकलेचा, शाखा प्रभारी व केंद्रीय संयोजक श्री मुकेश भटेवरा ने अपनी बात रखी । तेयुप सोलापुर की नव मनोनीत टीम को महामंत्री श्री संदीप कोठारी ने शपथ-ग्रहण करवाई । इस कार्यक्रम में अभातेयुप परिवार से प्रकाशन प्रभारी श्री मनोज संकलेचा, कार्यशाला केंद्रीय संयोजक श्री मुकेश भटेवरा, JTN सहसंपादक श्री समकित पारीख, श्री अमित कांकरिया, श्री तेजराज चौपड़ा, श्री अनिल नाहर , पश्चिम महाराष्ट्र क्षेत्रीय सभा अध्यक्ष श्री उत्तमचन्द पगारिया, मंत्री श्री कैलाश कोठारी, JTN प्रतिनिधि श्री विनीत मालू उपस्थित थे।
इस कार्यशाला में इचलकरंजी, जयसिंगपुर, कोल्हापुर, सांगली, माधवनगर, मिरज, तासगांव, पुणे, पिम्परि-चिंचवड़, जयसिंगपुर, सोलापुर, हुबली, हिरियूर, सिंधनुर, गंगावती आदि क्षेत्रों से श्रावक समाज उपस्थित रहा । आभार ज्ञापन तेयुप इचलकरंजी के मंत्री श्री संतोष भंसाली ने किया । कार्यशाला के प्रथम सत्र का कुशल मंच संचालन अभातेयुप सदस्य श्री संजय वैदमेहता एवं द्वितीय सत्र का संचालन अभातेयुप सदस्य श्री दिनेश छाजेड़ ने किया ।
साध्वीश्री लावण्यश्रीजी ने उपस्थित संभागियों को प्रेरणा पाथेय प्रदान करते हुए फरमाया कि हम जैसे जैसे आगे बढ़ते है, वैसे वैसे लक्ष्य निर्धारण करने की क्षमता बढ़ती है । जब लक्ष्य हांसिल कर लेते है प्रसन्नता मिलती है । अभातेयुप सेवा-संस्कार एवं संगठन के त्रिआयामी उद्देश्यों का अभियान अनुकरणीय है । साध्वीश्रीजी ने उपस्थित श्रावक समाज को लक्ष्य निर्धारण के साथ सफलता के सूत्र बताते हुए फरमाया कि● अपने आप में खुश रहें।
● अपना रिमोट अपने हाथ में रखें । कंट्रोल पावर (नियंत्रण शक्ति) मजबूत होना चाहिए। ● अपनी खूबियों को देखें । ● काम को भार नहीं उपहार मानें । ● सकारात्मक नजरिया रखें ।● खुशियां बांटो । ● मुस्कुराते रहो ।
साध्वी श्री सिद्धांतश्रीजी ने अपने मंगल उद्बोधन में फरमाया कि साधारण व्यक्तित्वों की असाधारण सफलता को देखकर लगता है कि उनका समर्पण, पुरुषार्थ एवं पराक्रम बेजोड़ था । आपने दृष्टांत के माध्यम से बताया कि व्यक्ति अपने जीवन में लगन, मेहनत एवं लक्ष्य के साथ आगे बढ़े तो निश्चित ही सफलता के शिखर छू सकता है, प्रगति के पायदान चढ़ सकता है । कार्यक्रम में उपस्थित युवा शक्ति को प्रेरणा देते हुए कहा कि सिर्फ अध्यक्ष और मंत्री ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण युवाशक्ति को मिलकर गुरुदेव के सपनों को साकार करना है ।
साध्वी श्री सिद्धियशाजी जी ने अपने मंगल उद्बोधन में युवाशक्ति को अपने लक्ष्य पर अडिग रहकर आगे बढ़ने की प्रेरणा दी । आपने उदाहरण देते हुए फरमाया कि- विश्व की अनेक विभूतियों ने साधारण माहौल से उभर कर अपने पुरुषार्थ एवं सटीक लक्ष्य के कारण अपना नाम विश्वपटल पर अंकित किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे अभातेयुप के महामंत्री श्री संदीप कोठारी ने अपने वक्तव्य में कहा- व्यक्तिगत जीवन में लक्ष्य निर्धारण आवश्यक है, हमें कहाँ पहुचना है ये तय करना है। युवाओं को कठिनाइयों से घबराना नहीं, उसे चीर कर आगे बढ़ना है। कठिनाई - संघर्ष सफलता का सूचक है। जीवन में अनेक पड़ाव आते है, अपने रुचि के अनुसार लक्ष्य निर्धारण कर आगे बढ़े तो वह सफलता के नएं आयाम छू सकते है । अभातेयुप में सामाजिक, पारिवारिक और आध्यात्मिक जीवन में छोटे छोटे लक्ष्य निर्धारण कर आगे बढ़ने की प्रेरणा दी जाती है। उन्होंने आगे कहा कि - आगामी वर्ष में परमपूज्य आचार्य श्री महाश्रमणजी का पदार्पण पश्चिम महाराष्ट्र - उत्तर कर्णाटक क्षेत्र में होगा, हम सब मिलकर गुरुसेवा का लक्ष्य बनाएं। साध्वी श्री का चातुर्मास पूज्य प्रवर के पदार्पण की पूर्व भूमिका के रूप में है, जब पूज्यप्रवर पधारे तब ऐसे कार्यक्रम संपादित किए जाए जो कि आगामी वर्षों सम्पूर्ण भावी पीढ़ी याद रखें।
मुख्यवक्ता श्री शेखर जैन ने अपने वक्तव्य में शानदार अभिव्यक्ति प्रेषित करते हुए लक्ष्य के चार प्रकार बताएं - Self Goals, Family Goals, Professionals Goals, Social Goals । आपने विभिन्न केस स्टडीज के माध्यम से अपने लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु प्रेरित किया। आपने कहा कि जीवन में जगमगाना चाहते हो तो लक्ष्य सफलता के 4 सूत्र STAR अपने जीवन में अपनाएं - ● Specific - निश्चित, ● Time Bound - समय प्रबंधन, ● Attainable - प्राप्ति योग्य, ● Review - समीक्षा. आपके शानदार वक्तव्य ने श्रोताओं का दिल जीत लिया।
प्रसिद्ध उद्योगपति, युवागौरव श्री संजय घोड़ावत ने संभागियों के साथ लक्ष्य निर्धारण हेतु अपने अनुभवों सांझा किया ।
इससे पूर्व साध्वी श्री लावण्यश्रीजी द्वारा नमस्कार महामंत्रोच्चार द्वारा कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया । तेयुप इचलकरंजी के साथियों द्वारा विजय गीत का संगान किया गया । कार्यक्रम के विधिवत उद्धाटन की घोषणा एवं श्रावक निष्ठापत्र का वाचन अभातेयुप महामंत्री श्री संदीप कोठारी द्वारा किया गया । तेयुप अध्यक्ष श्री सुरेंद्र छाजेड़ ने स्वागत अभिव्यक्ति प्रेषित की। तेरापंथ सभा अध्यक्ष श्री दीपचंद तलेसरा, अभातेममं राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य सौ. जयश्री जोगड़, अभातेयुप JTN के सह-संपादक श्री समकित परीख ने अपनी अभिव्यक्ति प्रेषित की ।
कार्यक्रम के द्वितीय सत्र में अभातेयुप प्रकाशन प्रभारी श्री मनोज संकलेचा, शाखा प्रभारी व केंद्रीय संयोजक श्री मुकेश भटेवरा ने अपनी बात रखी । तेयुप सोलापुर की नव मनोनीत टीम को महामंत्री श्री संदीप कोठारी ने शपथ-ग्रहण करवाई । इस कार्यक्रम में अभातेयुप परिवार से प्रकाशन प्रभारी श्री मनोज संकलेचा, कार्यशाला केंद्रीय संयोजक श्री मुकेश भटेवरा, JTN सहसंपादक श्री समकित पारीख, श्री अमित कांकरिया, श्री तेजराज चौपड़ा, श्री अनिल नाहर , पश्चिम महाराष्ट्र क्षेत्रीय सभा अध्यक्ष श्री उत्तमचन्द पगारिया, मंत्री श्री कैलाश कोठारी, JTN प्रतिनिधि श्री विनीत मालू उपस्थित थे।
इस कार्यशाला में इचलकरंजी, जयसिंगपुर, कोल्हापुर, सांगली, माधवनगर, मिरज, तासगांव, पुणे, पिम्परि-चिंचवड़, जयसिंगपुर, सोलापुर, हुबली, हिरियूर, सिंधनुर, गंगावती आदि क्षेत्रों से श्रावक समाज उपस्थित रहा । आभार ज्ञापन तेयुप इचलकरंजी के मंत्री श्री संतोष भंसाली ने किया । कार्यशाला के प्रथम सत्र का कुशल मंच संचालन अभातेयुप सदस्य श्री संजय वैदमेहता एवं द्वितीय सत्र का संचालन अभातेयुप सदस्य श्री दिनेश छाजेड़ ने किया ।
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