21 जुलाई 2019, जयसिंगपुर। अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद् द्वारा निर्देशित मंत्र दीक्षा का आयोजन साध्वीश्री लावण्यश्रीजी आदि ठाणा 3 के सान्निध्य में तेयुप इचलकरंजी व तेयुप जयसिंगपुर के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। इस अवसर पर अभातेमम की राष्ट्रीय अध्यक्ष कुमुद कच्छारा, नगराध्यक्ष नीताजी माने, अभातेमम महाराष्ट्र प्रभारी निर्मला चंडालिया, जयश्री जोगड़, अभातेयुप सदस्य संजय वैदमेहता, इचलकरंजी सभा अध्यक्ष दीपचंद तलेसरा, जयसिंगपुर सभा अध्यक्ष अशोक रुणवाल, सांगली सभा अध्यक्ष जयचंद लूंकड़, प. महाराष्ट्र ज्ञानशाला संयोजिका भारतीदेवी संकलेचा, तेमम इचलकरंजी अध्यक्ष सीमा डागा, तेमम जयसिंगपुर अध्यक्ष पुष्पादेवी बरड़िया आदि मान्यवर विशेष रूप से उपस्थित थे।
इचलकरंजी एवं जयसिंगपुर के बच्चों को मंत्र दीक्षा प्रदान करते हुए साध्वीश्री लावण्यश्रीजी ने कहा- मंत्र दीक्षा के द्वारा बचपन में ही महामंत्र के प्रति घनीभूत आस्था का निर्माण किया जाता है. महामंत्र के प्रभाव से विपत्ति अपने आप दूर हो जाती है, संकट टल जाते है, समस्याएँ समाहित हो जाती है। देव, गुरु, धर्म के प्रति सम्यक श्रद्धा होनी चाहिए। उन्होंने बच्चों को नशामुक्त जीवन जीने, खानपान की शुद्धि बनाए रखने आदि शुभ संकल्प दिलवाएं।
इससे पूर्व कार्यक्रम साध्वीश्रीजी द्वारा नमस्कार महामंत्रोच्चारण के साथ हुआ. तेयुप इचलकरंजी व तेयुप जयसिंगपुर के युवा साथियों द्वारा विजय गीत का संगान किया गया। डॉ. राजेश बाफना द्वारा श्रावक निष्ठा पत्र का वाचन करवाया गया. तेयुप जयसिंगपुर की ओर से कार्यसमिति सदस्य प्रतीक रुणवाल ने सभी का स्वागत किया एवं मंत्र दीक्षा की आवश्यकता व महत्व के बारे में बताया। अभातेयुप सदस्य श्री संजय वैदमेहता ने मंत्र दीक्षा को संस्कार निर्माण का महत्वपूर्ण उपक्रम बताया. इचलकरंजी ज्ञानशाला के ज्ञानार्थियों ने मंत्र दीक्षा गीत पर सुंदर प्रस्तुति दी। जयसिंगपुर ज्ञानशाला के ज्ञानार्थियों ने भी नशामुक्ति, खान-पान की शुद्धि, मोबाइल के दुष्प्रभाव आदि विषयों पर अपनी सुंदर प्रस्तुति दी.
कार्यक्रम का कुशल संचालन तेयुप जयसिंगपुर अध्यक्ष संदीप बरड़िया ने किया. तेयुप इचलकरंजी उपाध्यक्ष नरेश डागा, मंत्री संतोष भंसाली, मंत्र दीक्षा संयोजक निर्मल संकलेचा, सहसंयोजक संयम छाजेड़ एवं संपूर्ण तेयुप टीम तथा ज्ञानशाला इचलकरंजी से नीतू छाजेड़, रजनी पारीख, वंदना पटवारी एवं प्रशिक्षिकाओं, तेयुप जयसिंगपुर से अध्यक्ष संदीप बरड़िया, मंत्री संदीप घोडावत, ज्ञानशाला जयसिंगपुर से समीक्षा रुणवाल, ईशिका रुणवाल, सम्यक एवं प्रशिक्षिकाओं आदि का विशेष सहयोग रहा।
इचलकरंजी एवं जयसिंगपुर के बच्चों को मंत्र दीक्षा प्रदान करते हुए साध्वीश्री लावण्यश्रीजी ने कहा- मंत्र दीक्षा के द्वारा बचपन में ही महामंत्र के प्रति घनीभूत आस्था का निर्माण किया जाता है. महामंत्र के प्रभाव से विपत्ति अपने आप दूर हो जाती है, संकट टल जाते है, समस्याएँ समाहित हो जाती है। देव, गुरु, धर्म के प्रति सम्यक श्रद्धा होनी चाहिए। उन्होंने बच्चों को नशामुक्त जीवन जीने, खानपान की शुद्धि बनाए रखने आदि शुभ संकल्प दिलवाएं।
इससे पूर्व कार्यक्रम साध्वीश्रीजी द्वारा नमस्कार महामंत्रोच्चारण के साथ हुआ. तेयुप इचलकरंजी व तेयुप जयसिंगपुर के युवा साथियों द्वारा विजय गीत का संगान किया गया। डॉ. राजेश बाफना द्वारा श्रावक निष्ठा पत्र का वाचन करवाया गया. तेयुप जयसिंगपुर की ओर से कार्यसमिति सदस्य प्रतीक रुणवाल ने सभी का स्वागत किया एवं मंत्र दीक्षा की आवश्यकता व महत्व के बारे में बताया। अभातेयुप सदस्य श्री संजय वैदमेहता ने मंत्र दीक्षा को संस्कार निर्माण का महत्वपूर्ण उपक्रम बताया. इचलकरंजी ज्ञानशाला के ज्ञानार्थियों ने मंत्र दीक्षा गीत पर सुंदर प्रस्तुति दी। जयसिंगपुर ज्ञानशाला के ज्ञानार्थियों ने भी नशामुक्ति, खान-पान की शुद्धि, मोबाइल के दुष्प्रभाव आदि विषयों पर अपनी सुंदर प्रस्तुति दी.
कार्यक्रम का कुशल संचालन तेयुप जयसिंगपुर अध्यक्ष संदीप बरड़िया ने किया. तेयुप इचलकरंजी उपाध्यक्ष नरेश डागा, मंत्री संतोष भंसाली, मंत्र दीक्षा संयोजक निर्मल संकलेचा, सहसंयोजक संयम छाजेड़ एवं संपूर्ण तेयुप टीम तथा ज्ञानशाला इचलकरंजी से नीतू छाजेड़, रजनी पारीख, वंदना पटवारी एवं प्रशिक्षिकाओं, तेयुप जयसिंगपुर से अध्यक्ष संदीप बरड़िया, मंत्री संदीप घोडावत, ज्ञानशाला जयसिंगपुर से समीक्षा रुणवाल, ईशिका रुणवाल, सम्यक एवं प्रशिक्षिकाओं आदि का विशेष सहयोग रहा।
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